Thandi Hawa
Himanshu Kohli
बाहों में मैं सोया लेके रात
ख्वाबो में पिरोई सारी बात
मंद सी मुस्कान रोशनी संग
चाँद दे रहा है मेरा साथ
आंखों में है नींदे दबी
छोड़े ना रातें साथ भी
सपनो की राहों में है ठंडी हवा
अनकही कुछ अनसुनी करे बात
ये चाँद ज़मीन
कभी तो आ मुझको गले लगा
जरा जगने को है सुबह की रोशनी
चढाने को है सूरज ये आज भी
जरा जगने को है सुबह की रोशनी
चढाने को है सूरज ये आज भी
लेटी मैं तारो को ओढ़ के
कानो में अलविदा कहती ये शाम
चुन रही सपनो की भीड़ में
ख्वाब आज मेरा है कौन सा
आंखों में है नींदे दबी
छोड़े ना रातें साथ भी
सपनो की राहों में है ठंडी हवा
अनकही कुछ अनसुनी करे बात
ये चाँद ज़मीन
कभी तो आ मुझको गले लगा
जरा जगने को है सुबह की रोशनी
चढाने को है सूरज ये आज भी
जरा जगने को है सुबह की रोशनी
चढाने को है सूरज ये आज भी