Sab Dhuan
Avinash Chouhan, Bhuvan Bam, Nilotpal Bora
चल रही अच्च्ची-ख़ासी ज़िंदगी में फिर
कहाँ से मोड आया
जल रही हर खुशी ये पूछे खुदको तू
कहाँ पे छोड़ आया
माँगा हमने तुमसे चराग़ वाला चाँदी का वो जहाँ
तुमने दी है बदले में रात काली करके मेरा सब धुआँ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
घूमता फिरून अकेले दर-बा-दर
क्या पता ये रास्ते ले जाएँगे किधर
हम्म घूमता फिरून अकेले दर-बा-दर
क्या पता ये रास्ते ले जाएँगे किधर
थाम ले कोई, पूछ ले कोई
हाल मेरा क्या है, मुझ से ले मेरी खबर
धुंधला - धुंधला शहर
ढूंढूं मैं घर
टूटा है खुद-बा-खुद वो ख्वाब मेरा
या मैं खुद ही तोड़ आया
जल रही हर खुशी ये पूछे खुदको
तू कहाँ पे छोड़ आया
माँगा हमने तुमसे चराग़ वाला चाँदी का वो जहाँ
तुमने दी है बदले में रात काली करके मेरा सबा धुआँ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ ओ