Dil Dhoondhata he
Majaal
दिल ढूंढता है फिर वही(है फिर वही)
दिल ढूंढता है फिर वही
फ़ुर्सत के रात दिन
उससे मनवाए क्या
आए बस में जो नही
कैसे बुझे उसको हम
Syllabus में जो नही
बत्ती सी है तो हंस
बेबाश यूँ रू नही
कैसे बुझे उसको हम
Syllabus में जो नही
दिल ढूंढता है फिर वही
दिल ढूंढता है फिर वही
फ़ुर्सत के रात दिन
वो नसीब ये क्या किया
क्या किया
राह भर गुमराह किया
अरे तेरी तो कुंडली में सब है
मौके पे धोखा दिया
हाल आपना हो गया मजाकिया
Joker किस काम का
Circus में जो नही
कैसे बुझे उसको हम
Syllabus में जो नही
उससे मनवाए क्या
हैं बस में जो नही
कैसे बुझे उसको हम
Syllabus में जो नही
दिल ढूंढता है फिर वही
दिल ढूंढता है फिर वही
फ़ुर्सत के रात दिन