Tu Kahan
Aditya Rikhari
आँखों ही आँखों में तू ये बता दे
बेघर सा हूँ मैं, मुझे दिल में जगह दे
अंबर से चुन के मैं चाँद ले आऊँ
बारिश की बूँदें या ला दूँ सितारे
कुछ खास है, ये जो पास है
क्या ये ख्वाब है क्या पता
यहाँ मैं भी हूँ, मेरा दिल भी है
तेरी याद है, तू कहाँ
तू कहाँ
तू कहाँ
रातों को चलते, फिसलते, संभलते
तेरे कांधे को ढूँढे हाथ मेरे
वो मीठी हँसी से जो खिल जाते थे
मैं कैसे भुलाऊँ वो गाल तेरे
ना नींद है, बस ख्वाब है
बड़ी लंबी दूरी ये रात है
यहाँ मैं भी हूँ, मेरा दिल भी है
तेरी याद है, तू कहाँ
तू कहाँ
तू कहाँ