Paaro
पारो मेरी पारो इशारों इशारों में बात समझ लेना
दिल के टुकड़े हजारों बिखरने से पहले आज पकड़ लेना
के शराब खतम दिए सारे जखम तेरे भर ना सके सोनिया
होना रात खत्म के सुला दे सनम मुझे बाहों में मेरा
एक जान गई एक जाती नहीं एक और सितम ना कर
जिसे पाना था उससे खो बैठे ये काफी नहीं है क्या
आ आ आ आ
के अब कुछ होश नहीं है तू मुझको पिला देगी क्या
मैं पीकर जो भी कहूंगा तू सुबह भुला देगी क्या
तू बाहों में रख ले दो पल फिर चाहे दूर हटा दे
मै गोद में रख लू अगर सर तू मुझको सुला देगी क्या
जाती नहीं तेरी यादें कसम से के दिल का भरम है तू
बाकी नहीं अब कोई शर्म जाना एक धर्म है तू
जो कहती थी मत पियो ना मेरी जान जहर है ये
उसे देखता हूं कोई ग र छुए अब और जहर क्या पिऊ