Vartalap

Nitin Mishra

वार्तालाप हैं संगीन रखो कान खुले
रज़ा पे रस मिलेगा बस फ़ारस सा आयेज चल दे
मृदा ये बिन तरल के, गीत इनके सारे माल से
खोजो हाल या फिर मैं ध्यान हर लून तेरा च्चल से
गाज़ल के बोल ये नपे तुले है दिल तरज़ू
मैं कृष्णा की हूँ बाँसुरी तुझे मैं कर लून काबू
मैं भस्म करके तुझको ही रामा लून टन पे अपने
सपने है अनंत जैसे शिव मैं बैठा बन के साधु
ना हश्र का पता ना कष्ट में कसर रही
है वक़्त मरात ये बस हन ज़िंदगी गुज़र रही
मैं शाकस ना बना तो फिर बनूंगा मैं कथा नही
स्याही ना बही को ऐसी कोई भी व्यथा नही
मैं नये बालकों को कहता रंग लो काग़ज़ात
ये बनना चाहते सितारे मैं तो बनता रात
बातें छ्चोड़ो बेतुकी सुधार लो हयात
नाम तुमको पहले ही पता है सबको कर डू खाक
मैं पंक्तियों में करता हूँ ये सारे घाम बयान
गाने वाला बेशरम ये धुन है बहाया
कला को मेरी पहुचना है मुझे चरण पे
जलेगा दिल सुनो ये गीत काफ़ी गरम सा
मैं पंक्तियों में करता हूँ ये सारे घाम बयान
गाने वाला बेशरम ये धुन है बहाया
कला को मेरी पहुचना है मुझे चरण पे
जलेगा दिल सुनो ये गीत काफ़ी गरम सा

पंक्तियाँ है सर्द आज भी है ठंड काफ़ी
काली स्याही काली बन रही प्रचंड काफ़ी
ये कहते मिश्रजी का लड़का गाता मंद काफ़ी
प्रदर्शनी है तू और तेज़ कब है चलती झाँकी
विरह में बैठी आत्मा की लालसा की कसम
बहेगा खून कानो से ये बहुत कत्ल नज़्म
बस ये सकचे आशिक़ों को ही लगे गुलों सी
बाकी सारे सूल मैं बना के धूल कर डू भस्म
है जानम ये बस एक ही
दिन ये कम करम अनेक है
निगाह तो मिली है सब को ही
पर ये मॅन से ना है देखते
हर एक अंश कीमती है रख लो तुम संभाल
कसाई ना मैं पर ये वाणी करती है हलाल
जवाब बनती आँखें मूह ये जब करे सवाल
बोल देता मॅन में आता जो मैं ना करू मलाल
मैं पंक्तियों में करता हूँ ये सारे घाम बयान
गाने वाला बेशरम ये धुन है बहाया
कला को मेरी पहुचना है मुझे चरण पे
जलेगा दिल सुनो ये गीत काफ़ी गरम सा
मैं पंक्तियों में करता हूँ ये सारे
गाने वाला बेशरम ये धुन है बहाया
कला को मेरी पहुचना है मुझे चरण पे
जलेगा दिल सुनो ये गीत काफ़ी गरम सा

Curiosidades sobre la música Vartalap del Spitfire

¿Quién compuso la canción “Vartalap” de Spitfire?
La canción “Vartalap” de Spitfire fue compuesta por Nitin Mishra.

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