Chaaha Tha Humne

Hasan Kamal

चाहा तो हमने मगर, हम भूल ना पाए रे
दिल को दिन रत किसी की, याद सताए रे

दिल पर जो बीत रही है, मूह पे ना आए रे
कैसी ये आग है जो, तन मन को जलाए रे

चाहा तो हमने मगर, हम भूल ना पाए रे
दिल को दिन रत किसी की, याद सताए रे

रोने को गम था अपना ही क्या कम
उसपे सितम ये तेरा भी है गम
रोने को गम था अपना ही क्या कम
उसपे सितम ये तेरा भी है गम
कैसे तकदीर ने तूफान उठाए रे
दिल को दिन रत किसी की, याद सताए रे

दिल पर जो बीत रही है, मूह पे ना आए रे
कैसी ये आग है जो, तन मन को जलाए रे

हर आरज़ू अब दिल से खफा है
मारना है मुश्किल जीना सज़ा है
हर आरज़ू अब दिल से खफा है
मारना है मुस्किल जीना सज़ा है
हाथो से होश का दामन, छूट ना जाए रे

कैसी ये आग है जो, तन मन को जलाए रे
चाहा तो हमने मगर, हम भूल ना पाए रे
दिल को दिन रत किसी की, याद सताए रे

दिल पर जो बीत रही है, मूह पे ना आए रे
कैसी ये आग है जो, तन मन को जलाए रे

Curiosidades sobre la música Chaaha Tha Humne del Mohammed Aziz

¿Quién compuso la canción “Chaaha Tha Humne” de Mohammed Aziz?
La canción “Chaaha Tha Humne” de Mohammed Aziz fue compuesta por Hasan Kamal.

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