Bhagwan Kis Qasoor Ki Pt. 2
Bappi Lahiri, Indeewar
इस घर की हर ईंट पे लिखी क़ुरबानी की कहानी
माटी मोल बेच दी किसने ये पुरखों की निशानी?
जिसको लहू से सिंचा मैंने, उजड़ गया वो गुलशन
माला टूटी, बिखरे मोती, खो गया मेरा जीवन
भगवान किस क़ुसूर की दी है मुझे सज़ा?
ज़िंदगी यही है तो है ज़िंदगी में क्या?
ज़िंदगी यही है तो है ज़िंदगी में क्या?
ज़िंदगी यही है तो है ज़िंदगी में क्या?