O Chaand [Reprise]
Brite Roy
दर्पण बना लो री संग
मदिरा से छलके है रंग
जागी है मान मे सिहरन
मुख पे चंदा की किरण..
गहरे है सबसे लहरे है काब्से
जबसे लिखी तेरी गाज़ल
ओ चाँद तेरी खामोशिया
क़ाफ़िर का साज़ है क्यू
ओ चाँद तेरी चाँदनी
शायर का राज़ है क्यू
ऐसी कभी देखि ना छवि
आसमा पे चाँद की सादगी
ऐसी कभी देखि ना छवि
आसमा पे चाँद की सादगी
ओ चाँद तेरी खामोशिया
खवाब जगती हैं क्यूँ
ओ चाँद तेरी चाँदनी
नींद गवाती है क्यूँ
ओ चाँद