O Jaana 2.0
Ishaan Nigam
ओ जाना
है सुकून तू ही तो जन्मों से
जो चुराए वक़्त के पन्नो से
वस्ल-ए-नया क़िस्सा बन जाएगा
तब खुशनुमा ये जहाँ होगा
ख्वाबों का भी गुलसिटान होगा
क़ुरबत पनाह लम्हा थम जाएगा
ओ जाना फरहात पल
शिद्दत मेरा क़िस्सा नया बन जाएगा
ओ जाना महफूज़ कल
क़ुरबत पनाह लम्हा थम जाएगा
जब कानो मे सर्घोशियाँ
चुपके से आ जायें कहीं
मेरे साँसों की बेचैनियाँ
खुश्बू से मिल जाए तेरी
जब शबनमी सी बूँदों में
सजे यून तेरी मुस्कुराहटें
सजदा करूँ मिल जाए तू
पूरी हो मेरी मन्नाटें
तब काफिला मेरे गीतों का
बन जाए तेरे नाम का
और इश्क़ की गुस्ताखियाँ
थम जाए तेरे साथ मे
है सुकून तू ही तो जन्मों से
जो चुराए वक़्त के पन्नो से
वस्ल-ए-नया क़िस्सा बन जाएगा
ओ जाना फरहात पल
शिद्दत मेरा क़िस्सा नया बन जाएगा
ओ जाना महफूज़ कल
क़ुरबत पनाह लम्हा थम जाएगा