Ud Chal
Bhuvan Bam
निकला में घर से कुछ पाने की चाह में
आँखों में सपने कच्चे से इरादे
छुओ न मुझे छुओ न मुझे में उड़ चला
गिरता हूँ में गिर जाने दो सीखूं कैसे भला
अपनों से झगड़ के थोड़ा सा बिगड़ के
दुनिया क्या कहेगी इस बात डर से
दूर चला छुओ न मुझे में उड़ चला
गिरता हूँ में गिर जाने दो सीखूं कैसे भला