छोटा हूँ मैं
Neeraj Rajawat
कंधे पे मुझको बिठा
ले चल तू ले चल अभी
बस्ते में हूँ आसमान
तारो से जेबे भरी
छोटा हूँ मैं दुनिया बड़ी
सीखा नहीं उड़ना अभी
यादों के तिनके जला
मद्धम पड़ी रौशनी
बाघों की चादर उड़ा
ठंडी हवा चल रही
छोटा हूँ मैं
दुनिया बड़ी
सीखा नहीं उड़ना अभी
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ
उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ उ