जहाँ तू चला
कहता कुछ और करता है और लेता है क्यूँ तू दिल पे ज़ोर
बतला बतला
कोरी सी रात को भर दे आज
तू खोल दे सब राज़ राज़ बह जा बह जा
गुपचुप सा क्यूँ है तू ये बता कुछ तो हँसी को दे जगह
बेवजह बेवजह
खोये खोये बेपरवाह हो
बातों बातों में सुबह हो
लम्हों को ले सजा
नहीं है तू तन्हा
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
समझा बुझा के देखते हैं
दिन दुःख पहले सेकते हैं
चल बने नई कहानियाँ
बेइरादा सड़कों पे
तारीखों को ढकेलते हैं
चल वहाँ जहाँ ना हो गया
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
चलूँ मैं वहाँ जहाँ तू चला
चलूँ मैं वहाँ (कैसा भी हो समां)
जहाँ तू चला (रहूँ साथ सदा हमम हमम )
कैसा भी हो समां (हम्म हम्म)
रहूँ साथ सदा (हम्म हम्म)