Tu Hai Kahan
Vicky, Tejas
चेहरों की भीड़ है
करीब कोई दूर है
पर तू है कहाँ
रास्ते महफ़ूज़ हैं
मंज़िलें भी खूब हैं
पर तू है कहाँ
गुज़ारे थे जो पल तेरी बाँहों में खो के (आ आ आ आ)
उड़ाके सारी फ़िकरें ये राहों में खो के (आ आ आ आ)
गुज़ारे थे जो पल तेरी बाँहों में खो के (आ आ आ आ)
उड़ाके सारी फ़िकरें ये राहों में खो के (आ आ आ आ)
अधूरी सी रातों में पूरे से रहते हम
पर तू है कहाँ
नशीले से लफ़्ज़ों को कानों में कहते हम
पर तू है कहाँ
दूरियाँ भी कहने लगीं
दूर ऐसे तुम ना रहो
दूर ऐसे तुम ना रहो
दूर ऐसे तुम ना रहो
चेहरों की भीड़ है (पा परा पा)
करीब कोई दूर है (पा परा पा)
पर तू है कहाँ (उ उ उ)
रास्ते महफ़ूज़ हैं (पा परा पा)
मंज़िलें भी खूब हैं (पा परा पा)
पर तू है कहाँ(ओ ओ ओ)