Piya Lagena Jiya
सायद एक ख्वाब कल रात
टूटते टूटते रेक गया
नींद जागती हुए मेरी आँखें
तुम्हारा ख़याल पिरोती रहीं
देर भाई बड़ी देर भाई
ना कोई चित्ति ना संदेश्वा
पिया सावन बीत गया
आ लागे न जिया
पिया लागे न जिया लागे न जिया
पिया लागे न जिया लागे न जिया
पिया लागे न जिया लागे न जिया
पिया रे लागे न जिया
सायद आज फिर वो
पहली सी ही बारिश है
जिसमे भीग गयी मेरी तमाम राते
सोंथी सोंथी मैं तेरी खुसबु
कितनी अनकही बाते कह गयी
पिया सावन बीत गया
पिया पिया पिया आ लागे न जिया
सायद सर्दी की वो नर्म डूप
मेरे दामन से निपात गयी
रेशमी हवाए मेरी रेशमी
ज़ुल्फो से खेल रहीं
कहीं यह सरारत तुम्हारी तो नहीं
देर भाई बड़ी देर भाई
ना कोई चित्ति ना संदेश्वा
सायद किसिन खूबसूरत
रीसमे ढाल के आ जाओ
कहीं किसी रोज़ वक़्त के
दोहरे से निकल कर आ जाओ
ना कोई चित्ति ना संदेश्वा
पिया रे लागे न जिया
पिया लागे न जिया लागे न जिया
पिया लागे न जिया लागे न जिया
पिया लागे न जिया