Mohe Ang Laga Le Re Jogi
अपने मंन को तू बस में करले
अपने मंन को तू बस में करले
तेरा जीवन संभाल जाएगा
मोहे अंग लगले रे ओ जोगी
मोरा रंग नीखर जाएगा
जैसे कोई सावन में मोर पापिहे की रंग
यह जीवन एक कसोटी हैं
ये भूल कोई परख रहा हर पल हर दिन
जीवन का भरोसा नहीं
जीवन का भरोसा नहीं
आज हैं कल किधर जाएगा
आज हैं कल किधर जाएगा
मोहे अंग लगले रे ओ जोगी
मोरा रंग नीखर जाएगा
मोहे अंग लगले रे ओ जोगी
मोरा रंग नीखर जाएगा
पायल की मेरी रुनझुन सुनके
जीवन में खिलेगा एक नया रंग
गयानी को गयाँ ध्यानी का ध्यान
जोगी का जोग हो जाए भंग
जो निराकार के रंग में रंगा
उसपे ना चढ़े कोई दुझा रंग
भाए ना उसे सुन मतवाली
कंचन का मिडी मादित रंग
जिस तन पे घुमान कर
जिस तन पे घुमान कर
राख बन बिखर जाएगा
राख बन बिखर जाएगा
मोहे अंग लगले रे ओ जोगी
मोरा रंग नीखर जाएगा
मोहे अंग लगले रे ओ जोगी
मोरा रंग नीखर जाएगा
हाए कर शोला शृंगार
यह तो चार दिन की हैं माया
कुंदन सा बदन ये आधार नाद
यह तो हाड़ माँस की हैं काया
मुझसे सुंदर कोई और नहीं
हैं जिसने तुझे बनाया
वो डोर है मैं हूँ पास मेरे
वो मुझ में सदा समाया
मैं फूल हूँ तू बंजा भँवरा
रस का लोभी नहीं मॅन मेरा
मस्ती का रंग मुझे में हैं देख
नहीं मुझपे चढ़ेगा रंग तेरा
चुन ले मेरे तंन मॅन के मोती
यह तो जूती ज्योति हैं
बिन प्यार ना रहना हैं जाग में
अनमोल उमर क्यूँ खोती है
अनमोल उमर क्यूँ खोती है
मेरी प्रीत को ना ठुकरा जोगी
आवेग हैं ये कोई प्रीत नही
मंन प्रेम रंग का प्यासा हैं
अपने मॅन को तू बस में करले
तेरा जीवन संवार जाएगा
तेरा जीवन संवार जाएगा
तेरा जीवन संवार जाएग