Khula Hai Daar

Akhtar Javed, Mayuresh Pai

खुला है दार पतारा
इंतज़ार जाता रहा
खुला है दार पतारा
इंतज़ार जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दार पतारा
इंतज़ार जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दर्र

किसी की आँख में मस्ती
तो आज भी हैं वही
किसी की आँख में मस्ती
तो आज भी हैं वही
मगर कभी जो हूमें
था खुमार जाता रहा
मगर कभी जो हूमें
था खुमार जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दर्र

कभी जो सीने में
इक आग थी वो सर्द हुई
कभी जो सीने में
इक आग थी वो सर्द हुई
कभी निगाहा में
जो था शरर जाता रहा
कभी निगाहा में
जो था शरर जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दर्र

अजब सा चैन था हुमको की
चुप थे हम बैचाईन
अजब सा चैन था हुमको की
चुप थे हम बैचाईन
करार आया तो जैसे
करार जाता रहा
करार आया तो जैसे
करार जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दार पतारा
इंतज़ार जाता रहा
खुलुस तो हैं मगर
ऐतबार जाता रहा
खुला है दर्र.

Curiosidades sobre la música Khula Hai Daar del Usha Mangeshkar

¿Quién compuso la canción “Khula Hai Daar” de Usha Mangeshkar?
La canción “Khula Hai Daar” de Usha Mangeshkar fue compuesta por Akhtar Javed, Mayuresh Pai.

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