Samajh Ke Baith Gaye

IBRAHIM ASHK, TALAT AZIZ

समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा

कभी कभी तेरे दिल
को रागो को चूम लिया
कभी कभी तेरे दिल
को रागो को चूम लिया
फिर उसके बाद तेरी
धड़कनो से कुच्छ ना कहा
फिर उसके बाद तेरी
धड़कनो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा

हमे ढूँ के चरागो
को हम जलते रहे
हमे ढूँ के चरागो
को हम जलते रहे
हवा से कुच्छ ना कहा
आँधियो से कुच्छ ना कहा
हवा से कुच्छ ना कहा
आँधियो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा

नज़र भी हमने
मिलाई बहुत स्लीके से
नज़र भी हमने
मिलाई बहुत स्लीके से
कहा भी और तेरे
आइनो से कुच्छ ना कहा
कहा भी और तेरे
आइनो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा
समण्डरो ने कभी
साहिलो से कुच्छ ना कहा
समझ के बैठ गये और
लाबो से कुच्छ ना कहा

Curiosidades sobre la música Samajh Ke Baith Gaye del Talat Aziz

¿Quién compuso la canción “Samajh Ke Baith Gaye” de Talat Aziz?
La canción “Samajh Ke Baith Gaye” de Talat Aziz fue compuesta por IBRAHIM ASHK, TALAT AZIZ.

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