Phir Main Kaahe Mandir Jaun
मुझ में शिव हैं
मुझ में ब्रह्मा
मुझ में विष्णु
मुझ में कृष्णा
फिर मैं कहे मंदिर जौ
धरती अंबार परबत सागर
मई जीत देखु उसको पौ
फिर में कहे मंदिर जौ
मुझ में शिव हैं
मुझ में ब्रह्मा
मुझ में विष्णु
मुझ में कृष्णा
फिर मई कहे मंदिर जौ
धरती अंबार परबत सागर
मैं जीत देखु उसको पौ
फिर में कहे मंदिर जौ
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
यह सृष्टि उसका सपना
हर व्यक्ति उसका अपना
यह सृष्टि उसका सपना
हर व्यक्ति उसका अपना
भगवान को जो पाना है
प्रेम की ही माला जपना
साँस साँस हर धड़कन धड़कन
प्रेम गीत ही गाता जाऊं
फिर मैं कहे मंदिर जाऊं
सुन कर बंसी का लहरा
राधा तोड़े हर पहरा
सुन कर बंसी का लहरा
राधा तोड़े हर पहरा
जामनजी के पार चली
रोके लाख भावर गहरा
राधा ने जो रूप लिया था
आज अगर मैं वो अप्नाऊ
फिर मैं कहेमनदिर जाऊं
मुझ में शिव हैं मुझ में ब्रह्मा
मुझ में विष्णु मुझ में कृष्णा
फिर मैं कहे मंदिर जाऊं
धरती अंबार परबत सागर
मैं जीत देखूं उसको पाऊँ
फिर में काहे मंदिर जाऊं
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी
अहम ब्रह्मसमी