Mere Desh Ki Dharti
हो ओ
मेरे देश ओ
जिस्का हर दिन है सुनहरा
जिस्का हर दिल में बसेरा
जिस्का बस नाम है काफ़ी
ऐसा बस देश है मेरा
जिस मिट्टी को सलाम
देता है उजला सवेरा
जिस्का बस नाम है काफ़ी
ऐसा बस देश है मेरा
खेतो से सरहद तक
गणव शहर सब बोले एक बोल रे
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती आ आ ओ
मेरे देश की धरती
मिट्टी में तेरे ख़्वाब उगाना है अभी तो
मेहंदी से फिर से सोना बनाना है इसिको
ये मांगे अगर जान भी हंस कर इसे दे देंगे
धरती का कर्ज भी तो चुकाना सबी को
ये फसले होंगी जन्नत के जैसी,
देखेंगे खून पासिन से ये हमने थाना है
सारे जहां से अच्छा अब इसे बनाना है
गंगा जमुना की लहर पर लिखा ये तराना है
खेतो से सरहद तक
गणव शहर सब बोले एक बोल रे
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
आ आ ओ
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती सोना उगले
यूगल हियर मोति
मेरे देश की धरती
मेरे देश की धरती