Har Taraf Andhera Hai
Rahi Masoom Reza
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ
हर तरफ
हर तरफ अंधेरा है
रोशनी नही मिलती
दूर दूर ढूँढे से
ज़िंदगी नही मिलती
कौन सी जगह है ये
कुछ पता नही चलता
इस सड़क पे क्या कोई
काफिला नही चलता
रास्ता भी और दिल भी
साए साए साए साए करता है
एक सहमा सहमा है
इक धड़कते डरता है
हाँ जला लू इक मशाल
कुछ तो रोशनी होगी
रास्ते की वहशत में
कुछ ना कुछ कमी होगी