Kya Sunaoon [Unplug]
क्या सुनाऊं क्या बताऊँ
कहना मुश्किल कितना चाहूँ
ह ह क्या सुनाऊं क्या बताऊँ
कहना मुश्किल कितना चाहूँ
क्या छुपाऊँ क्या दिखाऊं
दिल के अरमान क्या गिनाऊँ
इतना ही बस जानता हूँ
बिन तेरे बेजान सा हूँ
और क्या मैं कहूं
और क्या मैं कहूं
क्या सुनाऊं क्या बताऊँ
कहना मुश्किल कितना चाहूँ
कहना बहुत कुछ चाहूँ
पर तुमसे कह न पाऊँ
जाने में क्यूँ घबराऊँ
कुछ सोचूं डर जाऊँ
हो रहा है क्या न जानू
रातों को उठ उठ के जागूँ
हाथों को अपने उठा के
रब से बस तुझको ही माँगू
और क्या मैं कहूं
और क्या मैं कहूं
क्या सुनाऊं क्या बताऊँ
कहना मुश्किल कितना चाहूँ
ओ पिया पिया पिया तूने ये क्या किया
तोरे बिना कहीं लागे न मोरा जिया
ओ पिया पिया पिया तूने ये क्या किया
तोरे बिना कहीं लागे न मोरा जिया
देखूँ तुझे तोह जीना चाहूं
ना देखूं जी ना पाऊं
होठों पे तुझको आ सजा लूँ
जब चाहूं गुनगुनाऊँ
मेरी हर इक सांस में तू
मेरे हर एह्सास में तू
लब से जो कुछ भी मैं बोलूं
मेरे हर अलफ़ाज़ में तू
और क्या मैं कहूं
और क्या मैं कहूं
क्या मैं कहूं
क्या मैं कहूं
क्या मैं कहूं