Apni Maati
तेरे सर पे नीला गगन है
सौंधी माटी है
तेरे काँधे हरियाली चूनर सरसराती है
ये नादिया तेरा गहना है
सागर का दर्पण है
तेरे दिल में करुणा मेघ है
आँखों में सावन है
तेरी साँसें बस प्रेम के किस्से सुनाती है
तेरे इश्क़ में डूबे हैं हम तू अपनी माटी है
तू अपनी माटी है तू अपनी माटी है
ग म प म गा रे ग म प म गा रे गा म नि धा मा प
पा सा रे नि धा नि धा प धा म नि धा म प ग म प
तेरी अँजुरी में खेत है
इक धान का दाना
तेरी उँगलियाँ हैं कारीगर की ख़्वाब बुन जाना
तेरे बाज़ुओं में बल बड़ा जो सरहदें थामे
तेरे ज़हन का लोहा भी सारी दुनिया ही माने
तेरा जज़्बा है जवान का
तेरा मर्म है किसान का
हर दर्द को सह कर भी तू तो मुस्कराती है
हर कली हर फूल दामन में समाती है
ये नादिया तेरा गहना है
सागर का दर्पण है
तेरे दिल में करुणा मेघ है
आँखों में सावन है
तेरी साँसें बस प्रेम के किस्से सुनाती है
तेरे इश्क़ में डूबे हैं हम तू अपनी माटी है
तू अपनी माटी है तू अपनी माटी है(आ ह)
तू अपनी माटी है तू अपनी माटी है(तू अपनी माटी है तू अपनी माटी है)