Do Anjaane Ajnabi
दो अनजाने अजनबी
चले बांधने बंधन
हाय रे दिल में है ये उलझन
मिलकर क्या बोले
क्या बोले, क्या बोले
रे मिलकर क्या बोले
नयी उमंग, नयी खुशी
महक उठा है आंगन
हाय रे घर आये मनभावन
मिलकर क्या बोले
क्या बोले, क्या बोले
रे मिलकर क्या बोले
बेचैनी, बेताबी
आज मुझे ये कैसी
आज है जो, पहले ना थी
दिल की हालत ऐसी
हो, आँखों को उसी का इंतज़ार है
उन्हीं के लिए ये रूप ये श्रृंगार है
देखी है तस्वीर ही, हो
आज मिलेंगे दर्शन हाय रे (हो)
बढ़ने लगी है उलझन
मिलकर क्या बोले
क्या बोले, क्या बोले
रे मिलकर क्या बोले
रूप की रानी आयी है
जैसे गगन से उतर के
मेरे लिए, क्या मेरे लिए
ऐसे सज के, सँवर के
हो, सबसे छुपा के इधर उधर से
मुझको ही देखे चोर नज़र से
बात लबों पर है रूकी
तेज़ दिलों की धड़कन
हाय रे कल के सजनी साजन (हाय रे कल के सजनी साजन)
मिलकर क्या बोले (मिलकर क्या बोले)
क्या बोले, क्या बोले (क्या बोले, क्या बोले)
रे मिलकर क्या बोले (रे मिलकर क्या बोले)