Phir Sochna Kya
Rashmi Virag, Shekhar Ravjiani
मैं बस यूँ ही
खोई रही
तू भी कहीं
खोया रहा
यूँ आकर तेरी मेरी
किस्मत मिली
दिल को है जैसे
दिल की मंज़िल मिली
इस पल ने इशारा किया
हुमको है तुम्हारा किया
फिर सोचना क्या
तो फिर सोचना क्या
फिर सोचना क्या
खुद ही तो हो रहा है
इश्क़ नया
फिर रोकना क्या
जितनी दफ़ा तुम चाहो इश्क़ हो(इश्क़ हो)
आने ना देंगे ना देंगे
दोनो सुबह को
पहले ज़रा बाहों मे हमको लो
फिर जो भी दिल मे है
वो होने दो
इस पल ने इशारा किया
हमको है तुम्हारा किया
फिर सोचना क्या
तो फिर सोचना क्या
तो फिर सोचना क्या
दिल भी है श्याम भी है
दोनो जवान
फिर सोचना क्या