Rukte Chalte
Tutul, Bapi Bapi, Sandeep Nath
ओह आ आ आ
आ आ आ आ आ
रुकते चलते राहों में
गुम हो जाते राहों में
खो के कहाँ तू जाएगा
लौट यहां पर आएगा
आ आ आ आ आ
यहां फासले कम न होंगे
जो तुम होगे तो हम न होंगे
यही सिलसिले कभी न रुके
चलते रहे यहां
आ आ आ आ आ
अजब सी यहां की कहानी
नयी सी भी है ये पुरानी
चाहत है क्या किसे है पता
मंज़िल है ये कहाँ
आ आ आ आ आ
रुकते चलते राहों में
गुम हो जाते राहों में
खो के कहाँ तू जाएगा
लौट यहां पर आएगा
आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ