Baat Meri Suniye To Zara

Ehsaan, Shankar, Akhtar Javed, K C LOY

धूम धूम धूम धूम

बात मेरी सुनिए तो ज़रा बात मेरी सुनिए तो ज़रा (धूम धूम)
मेरी बात सुनके बातइए के इसके बारे (धूम धूम)
मे है आप का ख़याल क्या
इतना क्यों गुरूर आप मे है
इतना आप मे है नाज़ किसलिए
बताइए है किसने यह सिखाया आपको
के जो भी तुमको चाहे जो भी तुम को प्यार से
मिले उसी से तुम रहो खफा खफा

बात मेरी सुनिए तो ज़रा
ऐसे हम नही है लेकिन
हम अगर हो ऐसे भी तो इसमे क्या हुआ
क्यों ना हो गुरूर हमको, क्यों ना हमको नाज़ हो के
हम हसीन लोगो की ही ठोकरो मे है जमाना
जिसको देखिए हुमारा है दीवाना
हम किसी का भी दिल तोड़ दे, किसको आधे रास्ते मे छ्चोड़ दे
तो उसको भी दुनिया कहती है अदा

ए ए आपको जवाब मिल गया हो हो हो
कहिए केसा आपको लगा

बात मेरी सुनिए तो ज़रा
आज सुन ही लीजिए के क्या है हुस्न आपका, क्या है आप की अदा
आप के हर एक सितम को हमने ही अदा कहा
और आप की हर एक अदा को हसके हमने ही सहा
हमने ही तो ज़रा सी बात को बड़ा के दास्तान कर दिया

हमने ही तो हुस्न की ज़मीन को आसमान कर दिया है
दुनिया मे जो आप का यह हुस्न बेमिसाल है
तो इश्स मे भी हमारे इश्क का ही तो कमाल है
अगर हम ही ना होते इसको कौन पुचछता
है हे हे हो हो ह्म आहा
है हे हे हो हो ह्म आहा

आई आई आई धीरा ना ना ना ना ना ना

आपको अगर ख़याल है
आपको अगर ख़याल है
की हम हुस्न जो मिला है आपने दिया है
यानी जो भी है कमाल आपने किया है
तो यह बात साफ है की हमको देखते ही आपको नशा सा हो
गया है सारा होश खो गया है
वरना ऐसी उल्टी सीधी बहकी बहकी बातो की वजह है क्या

धीरा ना ना ना ना ना ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना ना
हाए धीरा ना ना ना ना ना ना ना
धीरा ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना ना ता ना ना
धीरा ना ना ना ना ना ना धी
ना ना ना ना ना ना

नही समाज मे आई मेरी बात तो नही सही
जो आप अपने हुस्न पर गुरूर करते है
तो करिए पर ना भूल जाएगा
हम ने ही तो खूने दिल दिया
जिससे रूप मे यह रंग आ गया है
आप का यह हुस्न दुनिया भर पे च्छा गया है
आ आ हो जादू बनके हम निगाहो पर च्छा गये
दिलो मे जो समा गये है तो हैरत इसमे क्या है
चेहरा फूल होठ कालिया और जुल्फे है अंधेरा
ऐसा जो महक रहा है

हमने ही तो आप के इन्न होठोंको
गुलाब और चेहरे को कमल कहा है
हम ने ही तो आप की नज़र को
जादू बातों को ग़ज़ल कहा है
हम ने ही जुल्फ को कभी कहा है रात और कभी घटा
अगर हामी ना देखते ना चाहते ना पुचहते
तो पथ्हरो के बूथ को कौन कहता फिर खुदा
बात मेरी सुनिए तो ज़रा
छोड़िए भी कहने और सुनने को है बाकी क्या रहा
देखिए मई कह रही हू बात मेरी सुनिए तो ज़रा
आप क्या कहेंगी मुझको खूब है पता
अरे बात मेरी सुनिए तो ज़रा
फिर मिलेंगे वक्त अगर मिला
पर बात मेरी

धूम धूम धूम धूम

Curiosidades sobre la música Baat Meri Suniye To Zara del Shankar Mahadevan

¿Quién compuso la canción “Baat Meri Suniye To Zara” de Shankar Mahadevan?
La canción “Baat Meri Suniye To Zara” de Shankar Mahadevan fue compuesta por Ehsaan, Shankar, Akhtar Javed, K C LOY.

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