Saazish
टूटा एक तारा गुम गया हैं बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ मांग लो जो हैं मन में तुम्हारे
जाना हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी
टूटा एक तारा गुम गया हैं बादलों के पीछे
जाने की हो जैसे उसे जल्दी
तुम भी कुछ मांग लो जो हैं मन में तुम्हारे
जाना हो ना जाए कहीं तुम्हें देरी
शायद ऐसा मौका
मिले ना मिले फिर
रह जाये अधूरी ख्वाइश
ओह क्या पता
हो ये भी सितारों की
हमको मिलाने की कोई साज़िश
तू साथ अगर हैं तो कागज़ की कश्ती तैर जायेगी
तू नहीं तो ये कहानी ताश के पत्तों सी बिखर जायेगी
बज़्म में बीती जो रातें अगले ही पल में बदल जायेंगी
रात के अँधेरे सन्नाटों में चुपके से कानों में लोरी की तरह
तेरी हर कहानी पे
नयी या पुरानी पे भरु हा में हा
मद्धम मद्धम उतरता चंदा
और दे गया शहर
शायद ऐसा मौका मिले ना मिले फिर
रह जाये अधूरी ख्वाइश
ओह क्या पता हो ये भी सितारों की
हमको मिलाने की कोई साज़िश
देखो ये कैसी रुत हैं हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा कर दोगी ना
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
देखो ये कैसी रुत हैं हम दोनों ही चुप हैं
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी
फिर कभी तुमसे लेंगे वादा कर दोगी ना
किसे था पता ले आएंगे यहाँ ये रस्ते सभी