Ghar Mil Gaya [Reprise]
Sharad Tripathi, Sonakshi Mittal
सात सुरों को एक सा घर बुलाता है
सैकड़ों तारों को एक सूरज जगाता है
सोच कर मैने यही तुमको पुकारा है
तू मेरा साहिल, तू ही मेरा किनारा है
के पल दो पल क्या, चारों पहर मिल गया
के सुनलो तुममे मुझको अपना घर
घर मिल गया
के सुनलो तुममे मुझको अपना घर
घर मिल गया
तेरी चौखट के पीच्चे किस बात का दर्र है
प्यार दिया मुझको इतना, सजदे मे सर है
सोच कर मैने यही तुमको पुकारा है
तेरी शिकायतों ने भी मुझको संवारा है
जैसे गिरती हुई बूँदों को पहर मिल गया
के सुनलो तुममे मुझको अपना घर
घर मिल गया
के सुनलो तुममे मुझको अपना घर
घर मिल गया