Majboori Ke Mausam Mein
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
तोड़ा सा संजोता जानम
करना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
कभी कभी कुछ इस हड़त्ाक
बढ़ जाती हैं लाचारी
कभी कभी कुछ इस हड़त्ाक
बढ़ जाती हैं लाचारी
लगता हैं ये जीवन जैसे
बॉज़ हो कोई भारी
दिल कहता हैं रोए
दिल कहता हैं रोए
लेकिन हसना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
कभी कभी इतनी ढूँढली
हो जाती हैं तस्वीरे
कभी कभी इतनी ढूँढली
हो जाती हैं तस्वीरे
पत्ता नही चलता कदमों में
कितनी हैं ज़ंजीरे
पाओं बँधे होते हैं
पाओं बँधे होते हैं फिर भी
चलना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
रुत के जाने वाला बादल
टूटने वाला तारा
रुत के जाने वाला बादल
टूटने वाला तारा
किसको खबर इन्न लम्हों में
बॅन जाए कोई सहारा
दुनिया जैसी भी हो
दुनिया जैसी भी हो
रिश्ता रखना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं
तोड़ा सा संजोता जानम
करना पड़ता हैं
मजबूरी के मौसम में भी
जीना पड़ता हैं