Kabhi Dar Se
कभी दर से दीवारो से
कभी घर की दरारओ से
कभी रेशम बहारो से
कभी रिमझिम नज़ारो से
मेरे कमरे मे चुपके से
किरण सूरज की आएगी
तुम्हारी याद लाएगी
मुझे हर पल सताएगी
हर पल सताएगी
कभी दर से दीवारो से
कभी घर की दरारओ से
कभी रेशम बहारो से
कभी रिमझिम नज़ारो से
मेरे कमरे मे चुपके से
किरण सूरज की आएगी
तुम्हारी याद लाएगी
मुझे हर पल सताएगी
हर पल सताएगी
तुझसे कहता हैं मेरा
दिल आके मुझसे टू ज़रा मिल
तेरे बिन सुने हैं सागर
तेरे बिन सुना हैं साहिल
साथ गुज़रे थे जो पल
कल याद आते हैं वोही पल
टू अगर नही आया
तो जान मेरी जाएगी
कभी दर से दीवारो से
कभी घर की दरारओ से
कभी रेशम बहारो से
कभी रिमझिम नज़ारो से
मेरे कमरे मे चुपकेसे
किरण सूरज की आएगी
तुम्हारी याद लाएगी
मुझे हर पल सताएगी
हर पल सताएगी
तन्हा तन्हा यह सफ़र हैं
ढूंडती तुझको नज़र हैं
मेरी आवाज़े टू सुन ले
मेरे सपने फिर से बुन ले
तेरे बिन यह दिल कहा हैं
मेरे दिल का टू जहा हैं
तेरे बिन मेरी जिंदगी
एब्ब तो जी नही पाएगी
कभी दर से दीवारो से
कभी घर की दरारओ से
कभी रेशम बहारो से
कभी रिमझिम नज़ारो से
मेरे कमरे मे चुपकेसे
किरण सूरज की आएगी
तुम्हारी याद लाएगी
मुझे हर पल सताएगी
हर पल सताएगी