Dukh Sukh Tha Ek Sabka

Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas

दुख सुख था एक सबका
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

दादा है आते थे जब
मिट्टी का एक घर था
दादा है आते थे जब
मिट्टी का एक घर था
चोरों का कोई घाटका
ना डाकुओं का दर था
खाते थे रूखी सूखी
सोते थे नींद गहरी
शामें भारी भारी थी
आबाद थी दुपेहरी
संतोष था दिलों को
माथे पे बाल नहीं था
दिल में कपाट नहीं था
आँखों में च्चल नहीं था
हैं लोग भोले भले
लेकिन थे प्यार वेल
दुनिया से कितनी जल्दी
सब हो गये रवाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

अब्बा का वक़्त आया
तालीम घर में आई
अब्बा का वक़्त आया
तालीम घर में आई
अब्बा का वक़्त आया
तालीम घर में आई
तालीम साथ अपनी
ताज़ा विचार लाई
आयेज रवायतों से
बढ़ने का ढयान आया
मिट्टी का घर हटा तो
पक्का मकान आया
दफ़्तर की नौकरी थी
तंगाह का सहारा
मालिक पे था भरोसा
हो जाता था गुज़ारा
पैसा अगर चेकम था
फिर भी ना कोई घाम था
कैसा भरा पूरा था
अपना ग़रीब खाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

अब मेरा दौर है यह
कोई नहीं किसी का
अब मेरा दौर है यह
कोई नहीं किसी का
हर आदमी अकेला
हर चेहरा अजनबी सा
आनसून ना मुस्कुराहट
जीवन का हाल ऐसा
अपनी खबर नहीं है
माया का जादू ऐसा
पैसा है मर्तबा है
इज़्ज़त विकार भी है
नौकर हैं और चाकर
बांग्ला है कार भी है
ज़र पास है ज़मीन है
लेकिन सकूँ नहीं है
पाने के वास्ते कुछ
क्या क्या पड़ा गवाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

आए आने वाली नस्लों
आए आने वेल लोगों
आए आने वाली नस्लों
आए आने वेल लोगों
भोगा है हुँने जो कुछ
वो तुम कभी ना भोगो
जो दुख था साथ अपने
तुमसे करीब ना हो
पीड़ा जो हमने झेली
तुमको नसीब ना हो
जिस तरह भीड़ में हम
ज़िंदा रहे अकेले
वो ज़िंदगी की महफ़िल
तुमसे ना कोई ले ले
तुम जिस तरफ से गुज़रो
मेला हो रोशनी का
रास आए तुमको मौसम
एक्कीसवी सदी का
हम तो सकूँ को तरसे
तुम पर सकूँ बरसे
आनंद हो दिलों में
जीवन लगे सुहाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

Curiosidades sobre la música Dukh Sukh Tha Ek Sabka del Pankaj Udhas

¿Cuándo fue lanzada la canción “Dukh Sukh Tha Ek Sabka” por Pankaj Udhas?
La canción Dukh Sukh Tha Ek Sabka fue lanzada en 2009, en el álbum “Khayaal Vol. 2 ( Live )”.
¿Quién compuso la canción “Dukh Sukh Tha Ek Sabka” de Pankaj Udhas?
La canción “Dukh Sukh Tha Ek Sabka” de Pankaj Udhas fue compuesta por Zafar Gorakhpuri, Pankaj Udhas.

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