Meri Har Shaam

Meet Bros., Shabbir Ahmed

हा आ आ हा आ आ

जब तक तेरा चेहरा उतरे ना
मेरी आँखों में
तब तक ना मेरी सुबहा होती है

हा आ आ हा आ आ
जब तक तेरा चेहरा उतरे ना
मेरी आँखो में
तब तक ना मेरी सुबहा होती है

जब तक तेरी खुशबु बिखरे ना
मेरी साँसों में
तब तक धड़कन भी खोई रहती है
तेरी हँसी है निगाहों में
महफूज़ दिल तेरी बाँहों में
तेरा नाम जिस लम्हे में लू
बेहद मिले आराम है

तेरी ही गलियों में
मेरी हर शाम है
हा तेरी ही गलियों में
मेरी हर शाम है

तू धूप सुनेहरी फ़िज़ाओं में
रहते हो मेरी दुआओं में

हा आ आ हा आ आ

तू धूप सुनेहरी फ़िज़ाओं में
रहते हो मेरी दुआओं में
तेरा नाम जिस लम्हे में लू
बेहद मिले आराम है

तेरी ही गलियों में
मेरी हर शाम है हा आ
तेरी ही गलियों मैं
मेरी हर शाम है
मेरी नज़र देखो ज़रा
इसमे कहीं है घर तेरा
रस्ता भी तू मंज़िल भी तू
इक हमसफ़र है बस मेरा

सुबहा मेरी और रात भी
डूबी है तेरी निगाहों में
तेरा नाम जिस लम्हे में लू
बेहद मिले आराम है

तेरी ही गलियों में
मेरी हर शाम है हा आ
तेरी ही गलियों मैं
मेरी हर शाम है
आवारा शाम है

Curiosidades sobre la música Meri Har Shaam del Palak Muchhal

¿Quién compuso la canción “Meri Har Shaam” de Palak Muchhal?
La canción “Meri Har Shaam” de Palak Muchhal fue compuesta por Meet Bros., Shabbir Ahmed.

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