Nahi Rakhta Dil Mein Kuch

नहीं रखता दिल में कुछ रखता हूँ जुबां पर
समझे ना अपने भी कभी
कह नहीं सकता मैं क्या सहता हूँ छुपा कर
इक ऐसी आदत है मेरी
सभी तो हैं जिनसे मिलता हूँ
सही जो है इनसे कहता हूँ
जो समझता हूँ
मैंने देखा नहीं रंग दिल आया है सिर्फ अदा पर
इक ऐसी चाहत है मेरी
बहारों के घेरे से लाया मैं दिल सजा कर
इक ऐसी सोहबत है मेरी
साये में छाए रहता हूँ
आँखें बिछाये रहता हूँ
जिनसे मिलता हूँ
कितनो को देखा है हमने यहाँ
कुछ सिखा है हमने उनसे नया
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
पहले फुरसत थी अब हसरतें समाकर
इक ऐसी उलझन है मेरी
खुद चलकर रुकता हूँ जहाँ जिस जगह पर
इक ऐसी सरहद है मेरी
कहने से भी मैं डरता हूँ
अपनों के धुन में रहता हूँ
कर क्या सकता हूँ
दे सकता हूँ मैं थोडा प्यार यहाँ पर
जितनी हैसियत है मेरी
रह जाऊं सबके दिल में दिल को बसाकर
इक ऐसी नियत है मेरी
हो जाये तो भी राज़ी हूँ
खो जाऊं तो मैं बाकी हूँ
यूँ समझता हूँ
रस्ते न बदले न बदला जहां
फिर क्यों बदलते कदम हैं यहाँ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ
ओ ओ ओ ओ ओ

Curiosidades sobre la música Nahi Rakhta Dil Mein Kuch del Lucky Ali

¿Cuándo fue lanzada la canción “Nahi Rakhta Dil Mein Kuch” por Lucky Ali?
La canción Nahi Rakhta Dil Mein Kuch fue lanzada en 2002, en el álbum “Sifar”.

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