Khalwat-e-Intezaar

KillerKtherapper

[verse 1]

देख मैं महसूस करता तुझको हर तस्वीर में
वो हर इक एहसास तेरा मुझको तस्कीन दे
मैं लिखा लिपटा उन्स के खयालों में था दूर
कभी लगता इस प्यार का है अलग ही वजूद

तेरे हर इक कदम से कदम को मिला कर
कर कर्म हर जनम तुझको अपना बनाकर
फिर २ खुशियां बरसेगी ज़िंदगी में बनके बरखा
अब ये डर बार-बार टूट ना जाए वो चरखा

जो इमकान में है बैठा इक सवाल मुझसे कहता
"कब वो आएगी सहलाएगी दिल को जो दर्द सहता?"
मेरा १ ही जवाब "करले थोड़ा इंतज़ार
सच्चे प्यार का ये सार ना करेगी वो इनकार"

लिखी नज़्म का इशारा ये पड़ा हुआ महदूद
मसलों ने इतना है बांधा कि थोड़ा सा मैं मजबूर
अब ये नम आंखे होती जा रही हैं खत्म
फाँसलों कि लंबी डोर तोड़े मेरा दम

[verse 2]

जब तेरा मुझ पे अक्स
पड़े दिल करता है रक्स
आंखो से बहता इशारा
आजा तू मेरे यारा

खामोशी को सहू मैं
बेहोशी क्या कहूँ मैं?
दर भटका हूँ मैं १० दफा
मिलता ना तेरा पता

[outro]

तेरा अब इंतज़ार
रहता मैं बेकरार
ख्वाहिश मेरी तू दूर
कभी मैं लगता महरूम

Curiosidades sobre la música Khalwat-e-Intezaar del KillerKtherapper

¿Cuándo fue lanzada la canción “Khalwat-e-Intezaar” por KillerKtherapper?
La canción Khalwat-e-Intezaar fue lanzada en 2021, en el álbum “Zohra-Jabeen”.

Músicas más populares de KillerKtherapper

Otros artistas de