श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण
देवकी नंदन तुमको वंदन रखते सबकी लाज
सबके स्वामी अंतर्यामी पूरन कीजे काज
देवकी नंदन तुमको वंदन रखते सबकी लाज
सबके स्वामी अंतर्यामी पूरन कीजे काज
मन मंदिर मैं सजे बिहारी
मनमोहन तेरी छवी अति पयारी
मन मंदिर मैं सजे बिहारी
मनमोहन तेरी छवी अति पयारी
बंसी बजैया रास रचैया
तारणहार मेरे तुम ही केवईया
तुमसे बड़ा कहा कौन कन्हैया
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
है नाथ नारायण वासुदेवा
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
है नाथ नारायण वासुदेवा
देवकी नंदन तुमको वंदन रखते सबकी लाज
सबके स्वामी अंतर्यामी पूरन कीजे काज
लीला अपरंपार तेरी तू माखन चोर कहावे
भवसागर से सबकी नैया तू ही पार लगावे
भक्तों का सहारा
तू बांसुरी वाला
मथुरा के बसैया
ओ नंद के लाला
तेरी भक्ति में नाचे सब ता ता थाईया
श्री कृष्ण गोविंद
श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी
है नाथ नारायण वासुदेवा
है नाथ नारायण वासुदेवा
देवकी नंदन तुमको वंदन रखते सबकी लाज (कृष्णा)
सबके स्वामी अंतर्यामी पूरन कीजे काज (कृष्णा)
देवकी नंदन तुमको वंदन रखते सबकी लाज
सबके स्वामी अंतर्यामी पूरन कीजे काज (कृष्णा)