Kachiyaan Kachiyaan
रोज़ रात तकिये पे
आंसुओं की बारिश है
धड़कने नहीं दिल में
ग़म की रिहाइश है
रोज़ रात तकिये पे
आंसुओं की बारिश है
धड़कने नहीं दिल में
ग़म की रिहाइश है
इश्क़ हो बराबर का
बस एहि थी चाहत
एक तरफ बेचैनी क्यूँ
एक तरफ है राहतें
तू सोये मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
तुम हो सोये
यहाँ पे मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
तुम हो सोये
यहाँ पे मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ
मेरे लबों पे तो
बस हैं शिकायतें
मिलती नहीं हैं
क्यूँ दर्द में रियायतें
हमम मेरे लबों पे तो
बस हैं शिकायतें
मिलती नहीं हैं
क्यूँ दर्द में रियायतें
ये टूटा दिल टूटे
ख्वाबों के सिलसिले
और कुछ नहीं हैं
ये तेरी इनायतें
पतझड़ यहाँ वहां पे
गुलाबों के मौसम हैं
धड़कनें वहां ज़्यादा
सांसें यहाँ कम हैं
तू सोये मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
तुम हो सोये
यहाँ पे मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
तुम हो सोये
यहाँ पे मैं तारे गिना
मैं तेरे नज़दीक
तू मुझसे दूर है
सोचता है दिल
कोई बात तो ज़रूर है
मैं तेरे नज़दीक
तू मुझसे दूर है
सोचता है दिल
कोई बात तो ज़रूर है
मर्ज़ी है तेरी
इन फासलों में आखिर
इतना बता क्या
ये इश्क़-ए-दस्तूर है
मैं उदास बैठा हूँ
तू ख़ुशी की बाहों में
मंज़िलों पे तू है
मैं रह गया हूँ राहों में
तू सोये मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
कचियाँ कचियाँ है
निंदरा तेरे बिना
तुम हो सोये
यहाँ पे मैं तारे गिना
कचियाँ कचियाँ आ