Tum Kya Mile [Jonita's Version]
Amitabh Bhattacharya
कोरे कागज़ों की ही तरह है
इश्क़ बिना जवानियाँ
दर्ज हुई है शायरी में
जिनकी है प्रेम कहानियाँ
हम ज़माने की निगाहों में
कभी गुमनाम थे
अपने चर्चे कर रही हैं
अब शेहेर की मेहफ़िलें
तुम क्या मिले तुम क्या मिले
हम ना रहे हम तुम क्या मिले
जैसे मेरे दिल में खिले
खाब के मौसम तुम क्या मिले
तुम क्या मिले तुम क्या मिले
तुम क्या मिले तुम क्या मिले