Hey Fikar
हे फिकर
क्यूँ मेरी तू फिकर करे?
सुन आए दर्र
क्यूँ पीच्चे पीच्चे तू चले?
छोड़ के कल की गली
मैं नये रास्ते चली
ढूँदने दुनिया नयी
आहटें, हैं नयी
हे नज़र
क्यूँ मुझ पे तू नज़र रखे?
सुन ज़ूबा
क्यूँ मुझ से तू खफा रहे?
मैने खुद को रोकना
अपना सच ना बोलना
छोड़ डाला है टोकना
आदतें, हैं नयी
मैं जो हुई नयी
तो ज़िंदगी ये सारी नयी हुई
मैं जो हुई नयी
लो ज़िंदगी से यारी नयी हुई
मॅन में अपने झाँक के
आँख मिला के आँख से
देखना है आज से
हिम्मतें, हैं नयी
मैं जो हुई नयी
तो ज़िंदगी ये सारी नयी हुई
मैं जो हुई नयी
लो ज़िंदगी से यारी नयी हुई
मैं जो हुई नयी
तो ज़िंदगी ये सारी नयी हुई
मैं जो हुई नयी
लो ज़िंदगी से यारी नयी हुई