Suno Raghubira Priya Baidehi
M. G. Sreekumar, Srinivas, Sujatha
सुनों रघुबीर प्रिया बैदेही
तव प्रभाव जग बिदित न केही
तव प्रभाव जग बिदित न केही
लोक-अप होहिं बिलोकत तोरें
लोक-अप होहिं बिलोकत तोरें
तोहि सेवहिं सब सिधि कर जोरें
तुम जो हमहिं बड़ी बीनय सुनाई
तुम जो हमहिं बड़ी बीनय सुनाई
कृपा किन्ही मोहे दिन्ही बड़ाई
प्रऊण नाथ देवर सहित कुसल कौसला हायी
पूजीहिं सब मन कामना सूज सूरही ही जग छाई