Purvaiya Ke Jhonke Aaye
Ravindra Jain
पुरवईया के झोंके आए
पुरवईया के झोंके आए
चंदन बन की महक भी लाए
दूर वो निंद्या रानी मुस्काये
मूँद लो नैना तो नैनों में आ जाए
पुरवईया के झोंके आए
नींद की दुल्हन बड़ी शर्मीली
उजियारे में ना आए
कोई जो चौंके कोई कुच्छ बोले
तो रास्ते पे मूड जाए
दीप बुझा दो तो पल भर में आ जाए
मूँद लो नैना तो नैनों में आ जाए
पुरवईया के झोंके आए
नींद की चिंता ले के जो जागे
उसको नींद ना आए
फ़ुउल सा मनवा ले के जो सोए
उसको ही नींद सुलाए
छोड़ दो चिंता तो पल भर में आ जाए
मूँद लो नैना तो नैनों में आ जाए
पुरवईया के झोंके आए
चंदन बन की महक भी लाए
हहम्म मूँद लो नैना तो नैनों में आ जाए हम्म हम्म