Sindoor Mere Mung Ki O Beqarar Dil Thahar
Ravindra Jain
सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सितारे अपने प्यार के
यू डूब तो ना जाएँगे