Raah Bani Khud Manzil

HEMANT KUMAR, KAIFI AZMI

राह बनी ख़ुद म॑ज़िल
पीछे रह गई मुश्किल
साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल
पीछे रह गई मुश्किल
साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल

देखो फूल बन के सारी धरती खिल पड़ी
देखो फूल बन के सारी धरती खिल पड़ी
गुज़रे आरजू के रास्तों से जिस घड़ी
जिस में चौरहें तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल
पीछे रह गई मुश्किल
साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल

झरना कह रहा हैं मेरी दिल की दास्तां
झरना कह रहा हैं मेरी दिल की दास्तां
मेरी प्यास लेकर छा रही हैं मस्तियाँ
जिन में नहाए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल
पीछे रह गई मुश्किल
साथ जो आए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल

पंछी उड़ गए सब गा के नगमा प्यार का

पंछी उड़ गए सब गा के नगमा प्यार का

लेकिन दिल ने ऐसा जाल फेका प्यार का
उड़ने ना पाए तुम
राह बनी ख़ुद म॑ज़िल
पीछे रह गई मुश्किल
साथ जो आए तुम

Curiosidades sobre la música Raah Bani Khud Manzil del Hemant Kumar

¿Cuándo fue lanzada la canción “Raah Bani Khud Manzil” por Hemant Kumar?
La canción Raah Bani Khud Manzil fue lanzada en 1963, en el álbum “Kohraa”.
¿Quién compuso la canción “Raah Bani Khud Manzil” de Hemant Kumar?
La canción “Raah Bani Khud Manzil” de Hemant Kumar fue compuesta por HEMANT KUMAR, KAIFI AZMI.

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