Jab Sham Ka Suraj

HEMANT KUMAR, KANWAR KUMAR

जब शाम का सूरज ढलता है जब शाम का सूरज ढलता है
छुप छुप के चाँद के साय में कोई मुझे पुकारा करता है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है

जब होश में तारे आते है बेसूद रात हो जाती है
जब होश में तारे आते है
जब होश में तारे आते है बेसुद यात हो जाती है
मेरे कानो में धीरे धीरे आवाज किसी की आती है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है

कही आँख जरा सी लग जाये सपनो की रानी आती है
कभी आँख जरा सी लग जाये सपनो की रानी आती है
मैं उससे आँख चुराऊ वो उल्फत के साज़ बजाती है
जब शाम का सूरज ढलता है छुप छुप के चाँद के साय में
कोई मुझे पुकारा करता है जब शाम का सूरज ढलता है

Curiosidades sobre la música Jab Sham Ka Suraj del Hemant Kumar

¿Cuándo fue lanzada la canción “Jab Sham Ka Suraj” por Hemant Kumar?
La canción Jab Sham Ka Suraj fue lanzada en 2002, en el álbum “The Unforgettable Hemant Kumar”.
¿Quién compuso la canción “Jab Sham Ka Suraj” de Hemant Kumar?
La canción “Jab Sham Ka Suraj” de Hemant Kumar fue compuesta por HEMANT KUMAR, KANWAR KUMAR.

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