Na Tum Hamen Jano [Revival]

MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN

हम्म हम्म हम्म
मगर लगता है कुछ ऐसा
हम्म हम्म हम्म
मिल गया
ना तुम हमें जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया

ये मौसम ये रात चुप है
वो होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ
ये मौसम ये रात चुप है
वो होठों की बात चुप है
खामोशी सुनाने लगी है दास्ताँ हाय
नजर बन गयी है दिल की जबां
ना तुम हमे जानो (आ आ)
ना हम तुम्हे जाने (आ आ)
मगर लगता है कुछ ऐसा (आ आ)
मेरा हमदम मिल गया (आ आ)

मोहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवाँ
मोहब्बत के मोड़ पे हम
मिले सबको छोड़के हम
धड़कते दिलों का लेके, ये कारवाँ
चले आज दोनों जाने कहा
ना तुम हमे जानो
ना हम तुम्हे जाने
मगर लगता है कुछ ऐसा
मेरा हमदम मिल गया

Curiosidades sobre la música Na Tum Hamen Jano [Revival] del Hemant Kumar

¿Quién compuso la canción “Na Tum Hamen Jano [Revival]” de Hemant Kumar?
La canción “Na Tum Hamen Jano [Revival]” de Hemant Kumar fue compuesta por MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN.

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