Door Gagan Ki Chhaon Men

SHAILENDRA, Kishore Kumar

राही तू मत रुक जाना
राही तू मत रुक जाना, तूफ़ां से मत घबराना
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में राही तू मत रुक जाना

माना कि गहरी है धारा
पर है कहीं तो किनारा
तू भी मिला आशा के सुर में
मन का ये एकतारा
तू भी मिला आशा के सुर में
मन का ये एकतारा
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में राही तू मत रुक जाना

सबका है ऊपरवाला
सबको उसी ने सम्भाला
जब भी घिरे ग़म का अंधेरा
उसने किया उजियाला
जब भी घिरे ग़म का अंधेरा
उसने किया उजियाला
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल कहीं दूर गगन की छाओं में
राही तू मत रुक जाना, तूफ़ां से मत घबराना
कभी तो मिलेगी तेरी मंज़िल
कहीं दूर गगन की छाओं में
कहीं दूर कहीं दूर कहीं दूर कहीं दूर्

Curiosidades sobre la música Door Gagan Ki Chhaon Men del Hemant Kumar

¿Quién compuso la canción “Door Gagan Ki Chhaon Men” de Hemant Kumar?
La canción “Door Gagan Ki Chhaon Men” de Hemant Kumar fue compuesta por SHAILENDRA, Kishore Kumar.

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