Chal Badalon Se Aage
KUMAR HEMANT, S H Bihari
चल बादलो से आगे कुछ और ही समां है
हर चीज है निराली हर ज़िन्दगी जवान है
चल बादलो से आगे कुछ और ही समां है
हर चीज़ है निराली हर ज़िन्दगी जवान है
चल बादलो से आगे
जिसे देखने को मेरी आँखे तरस रही हैं
जिसे देखने को मेरी आँखे तरस रही हैं
वह जगह जहाँ से हरदम उजाला बरस रही है
मेरी ख्वाब की वह दुनिया बतलाओ तोह कहा है
हर चीज़ है निराली हर ज़िन्दगी जवान है
चल बादलो से आगे कुछ और ही समां है
हर चीज़ है निराली हर ज़िन्दगी जवान है
चल बादलो से आगे