Jhalkiyan [Reprise]
Ram Ramesh Sharma
यह मल्हार की लोरियाँ है
हंस जैसी बोलियाँ है
इक डिब्बे में बिच्छाए
उदास से कोसों की
एक डिब्बे में बिच्छाए
उदास से कोसों की
उदास से कोसों
कीयः झलकियाँ है
झलकियाँ है लोरियाँ है
झलकियाँ है लोरियाँ है
लोरियाँ
तेरी गोध को रोई हूँ
नींदों में आनसून
लेकर सोई हूँ
मा तू सपनो में आजाईयो
घर घर खेलूँगीयूँही मा
तू दलिया अपने
हाथों से खिल्लैयो
मा तू सपनो में आजाईयो
मा तू सपनो में आजाईयो
लोरियाँ है झलकियाँ है
लोरियाँ है झलकियाँ है
लोरियाँ है झलकियाँ है
लोरियाँ है झलकियाँ.आ