Tu Dua Hai [Male]

DARSHAN RAVAL, RAHUL MUNJARIYA

हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ हूँ
रूहानी सी इक शाम होगी
हलकी तेरी उसमें आवाज़ होगी
रूहानी सी इक शाम होगी
हलकी तेरी उसमें आवाज़ हो
तू ना जाए कभी, ऐतबार करूँ
तू ना जाए कभी, खुदा से ये ही कहुं
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है, मेरा कल है
मेरी ज़िन्दगी की दुआ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है, मेरा कल है
मेरी ज़िन्दगी की दुआ
तू दुआ है, तू ही है मेरा करम
तुझपे ही शुरू, तुझपे ही खत्म
तू दुआ है, तू ही है मेरा करम
तुझपे ही शुरू, तुझपे ही खत्म

शहरों में गलियों में
अपनों में परायों में
ढूँढा तुझे है
शहरों में गलियों में
अपनों में परायों में
ढूंढा तुझे है
मिल जाए मुझे, तू कहीं रूबरू
तू ही दिखे, मैं जहाँ रहूँ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है, मेरा कल है
मेरी ज़िन्दगी की दुआ
मैं जो भी हूँ जैसा हूँ
तुझमे रहता खोता हूँ
तू मेरा आज है, मेरा कल है
मेरी ज़िन्दगी की दुआ
तू दुआ है, तू ही है मेरा करम
तुझपे ही शुरू, तुझपे ही खत्म
तू दुआ है, तू ही है मेरा करम
तुझपे ही शुरू, तुझपे ही खत्म

Curiosidades sobre la música Tu Dua Hai [Male] del Darshan Raval

¿Quién compuso la canción “Tu Dua Hai [Male]” de Darshan Raval?
La canción “Tu Dua Hai [Male]” de Darshan Raval fue compuesta por DARSHAN RAVAL, RAHUL MUNJARIYA.

Músicas más populares de Darshan Raval

Otros artistas de Contemporary R&B