Barsaat
चल रहे थे हम अकेले
और तुम मिल गये
थोड़ी सी बारिश होने लगी फिर
तुम कहीं खो गये
लग रहा था ख्वाब कोई
छू के गुजारा हमें
थोड़ा सा मुश्किल हो रहा है
अब भूलना तुम्हें
बस इक लम्हे में तू
ज़िंदगी बन गया
फिर उमरा भर के लिए
तू कितने गम दे गया
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
मुझे याद है भीगा हुआ सा
चेहरा था तेरा
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
मुझे याद है भीगा हुआ सा
चेहरा था तेरा
मुझमें बाकी तेरी खुसबु
यादों से ना जाता है तू
ऐसा लगता है के मेरे पास तू
शामें पहले जैसी ही हैं
मौसम सारे वैसे ही है
पागल हूँ मैं सोचूँ
शायद आए तू
मेरे इश्क़ के सफ़र को
जैसे लग गयी नज़र
ज़ुबान खामोश थी मगर
यह दिल रोया
तू खुश है यह सोच कर
मैं कुच्छ कह पाया नही
मैं खुद से यह कह दिया
तू मेरा था ही नही
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
मुझे याद है भीगा हुआ सा
चेहरा था तेरा
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
मुझे याद है भीगा हुआ सा
चेहरा था तेरा
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
बरसात की उस रात में
टूटा था दिल मेरा
बरसात की